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भारत में हाइड्रोकार्बन संसाधनों का पुनर्मूल्यांकन - अप्रयुक्त दोहन
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भारत में हाइड्रोकार्बन संसाधनों का पुनर्मूल्यांकन - अप्रयुक्त दोहन

भारत हाइड्रोकार्बन संसाधनों का पुन: आकलन – दोहन नहीं किए गए संसाधनों का दोहन

हाइड्रोकार्बन संसाधनों की संभाव्‍यता का पता लगाने के उद्देश्‍य से भारत के सभी 26 तलछटीय बेसिनों में हाइड्रोकार्बन संसाधनों का पुन: आकलन करने के लिए एक बहु-संगठन दल (एमओटी) का गठन किया गया है।  हाइड्रोकार्बन संसाधनों के पुन: आकलन का काम ओआईएल और डीजीएच के साथ मिल कर ओएनजीसी कर रही है।

परियोजना की स्‍थिति:

     यह परियोजना दिनांक 01 सितंबर, 2015 को शुरू की गई और 30 नवंबर, 2017 को पूरी हो गई। इस परियोजना को ओएनजीसी के 7 कार्य केंद्रों में 60+ पेशेवरों के 12 दलों द्वारा पूरा किया गया। वर्ष 2017 में 41,872 एमएमटीओई हाइड्रोकार्बनों मौजूद मात्रा के साथ सभी 26 तलछटीय बेसिनों का पुन: आकलन किया गया और इसमें पूर्व में 1995-96 में किए गए आकलन की तुलना में 49.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हाइड्रोकार्बनाके की इस मौजूद कुल मात्रा में से 12076 एमएमटीओई खोजे गए हाइड्रोकार्बन हैं और 29,796 एमएमटीओई ऐसे हाइड्रोकार्बन हैं जो खोजे नहीं गए हैं।

     औपचारिक रूप से बेसिन-वार रिपोर्टें डीजीएच को हार्ड कॉपी में दिनांक 19.01.2018 को प्रस्‍तुत की गईं। सभी बेसिनों की विस्‍तृत रिपोर्ट की अंतिम प्रति पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को 26.02.2018को प्रस्‍तुत की गई थी और अलग-अलग बेसिनों की रिपोर्टें सभी भावी बोलीदाताओं और इच्‍छुक पाठकों को उपलब्‍ध करवा दी जाती हैं। रिपोर्टों की सॉफ्ट प्रतियां परियोजना के आंकड़े डीजीएच को 14 मार्च, 2018को प्रस्‍तुत किए गए थे।

     इन 26 बेसिनों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

1) श्रेणी I-वाणिज्‍यिक रूप से प्रमाणित और उत्‍पादनकरने वाले बेसिन। कुल 7 बेसिन।
2) श्रेणी II-भावी बेसिनों के रूप में पहचाने गए बेसिन। कुल 5 बेसिन।
3) श्रेणी II- भावी बेसिन। कुल 14 बेसिन।

     इन 26 तलछटीय बेसिनों में ज़मीनी, उथले समुद्री औा गहरि समुद्री क्षेत्र शामिल हैं जो  कुल 3.36 मिलियन वर्ग कि.मी. क्षेत्र को कवर करते हैं जिनमें से ज़मीनी क्षेत्र 1.63 36 मिलियन वर्ग कि.मी., उथले समुद्री क्षेत्र 0.4136 मिलियन वर्ग कि.मी. और गहरे समु्री क्षेत्र 1.32  36 मिलियन वर्ग कि.मी. हैं। आंकड़ों को और अधिक विश्‍वसनीय बनाने के लिए  इन बेसिनों के सभी आंकड़े उन्‍नत त्रिआयामी पेट्रोलियम प्रणाली मॉडलिंग का उपयोग करके प्राप्‍त किए गए हैं जिनसे इन क्षेत्रों में निवेश करने के संबंध में सही निर्णय लेने में कंपनियों को मदद मिल सकती है।

और अधिक ब्‍यौरों के लिए हमारी वार्षिक रिपार्ट देखें…
 

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