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हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)
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हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)

एचपीसीएल की दो रिफायनरियाँ हैं, एक मुंबई (वेस्ट कोस्ट) में है, जिसकी रिफायनिंग क्षमता 7.5 एमएमटीपीएहै और दूसरी रिफायनरी विशाखापत्तनम (ईस्ट कोस्ट) में है जिसकी रिफायनिंग क्षमता 8.3 एमएमटीपीए है। 

 

इन रिफायनरियों की जानकारी निम्नानुसार है:

 

मुंबई रिफायनरी (एमआर):

मुंबई रिफायनरी की शुरूआत वर्ष 1954 में 1.25 एमएमटीपीए की क्रूड रिफायनिंग क्षमता के साथ 'ईएसएसओ स्टैंडर्ड रिफायनिंग कंपनी ऑफ इंडिया' के रूप में हुई थी। ल्यूब्रेकेंटिंग ऑयल बेस स्टॉक के 165 टीएमटी क्षमता के साथ ल्यूब रिफायनरी को वर्ष 1969 में ईएसएसओ और भारत सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में चालू किया गया था।  वर्ष 1974 में भारत सरकार द्वारा 'एसो स्टैंडर्ड रिफायनिंग कंपनी लिमिटेड' और 'ल्यूब इंडिया लिमिटेड' के अधिग्रहण और विलय के बाद एचपीसीएल बनाया गया था।

 

एचपीसीएल द्वारा अधिग्रहण किए के बाद, मुंबई रिफायनरी की क्षमता को विस्तारण, डी-बॉटलिंग और प्रक्रिया संशोधनों के माध्यम से वर्ष 1985 के 1.25 एमएमटीपीए से बढ़ाकर 5.5 एमएमटीपीए तक किया गया है। ग्रीन फ्यूल एमिशन कंट्रोल (जीएफईसी) परियोजना की शुरुआत होने के बाद स्थापित क्षमता को 6.5 एमएमटीपीए तक बढ़ाया गया था। वर्ष 2014 में डीजल हाइड्रो ट्रीटमेंट ब्लॉक की शुरुआत होने के बाद क्षमता को 7.5 एमएमटीपीए तक बढ़ाया गया था। 

 

विशाख रिफायनरी (वीआर):

 

विशाखापत्तनम रिफायनरी को वर्ष 1956 में 0.65 एमएमटीपीए की क्षमता के साथ कैल्टेक्स ऑयल रिफायनिंग इंडिया लिमिटेड (सीओआरआईएल) के रूप में आरंभ किया गया था। बाद में वर्ष 1976 में इसे भारत सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया और वर्ष 1978 में एचपीसीएल में इसका विलय कर दिया। 

 

वर्ष 1985 में 1.5 एमएमटीपीए की क्षमता को बढ़ाकर 4.5 एमएमटीपीए करने के साथ विशाख रिफायनरी का पहला विस्तार (वीआरईपी-I)  किया गया था। वर्ष 1999 में 7.5 एमएमटीपीए की क्षमता के साथ दूसरा विस्तार (वीआरईपी-II) किया गया था। इसके अलावा, वर्ष 2010 क्षमता को बढ़ाकर 8.3 एमएमटीपीए करने के साथ इकाइयों को नया आकार दिया गया था। 

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