Minister of Petroleum and Natural Gas
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कोल बैड मिथेन (सीबीएम) संसाधन
अनुमानित सीबीएम संसाधन 2,600 बिलियन घन मीटर (बीसीएम) अथवा 91.8 ट्रिलियन घन फीट (टीसीएफ) हैं जो देश के 11 राज्यों में फैले हुए हैं। सीबीएम संसाधनों राज्य-वार ब्यौरे निम्नानुसार हैं:
Sl. No. |
STATE |
Estimated CBM Resources (BCM) |
---|---|---|
1 |
JHARKHAND |
722.08 |
2 |
RAJASTHAN |
359.62 |
3 |
GUJARAT |
351.13 |
4 |
ORISSA |
243.52 |
5 |
CHATTISGARH |
240.69 |
6 |
MADHYA PRADESH |
218.04 |
7 |
WEST BENGAL |
218.04 |
8 |
TAMIL NADU |
104.77 |
9 |
ANDHRA PRADESH |
99.11 |
10 |
MAHARASHTRA |
33.98 |
11 |
NORTH EAST |
8.5 |
Total CBM Resources |
2,599.48 |
सीबीएम क्षमता का उपयोग करने के उद्देश्य से देश में मई, 2001 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बोली के जरिए सीबीएम ब्लॉकों की पेशकश की गई थी। अभी तक सरकार ने चार बोली दौरों के तहत 30 सीबीएम ब्लॉक
State |
Block |
Operator |
GIIP (BCM) |
Ultimate Reserves |
Balance Recoverable Reserves |
---|---|---|---|---|---|
Jharkhand |
Bokaro |
ONGC |
30.182 |
3.680 |
3.680 |
Jharia |
ONGC |
14.610 |
3.040 |
2.869 |
|
North Karanpura |
ONGC |
9.530 |
1.462 |
1.462 |
|
Madhya Pradesh |
Sohagpur East |
RIL |
47.700 |
16.700 |
16.682 |
Sohagpur West |
RIL |
55.500 |
15.440 |
14.871 |
|
West Bengal |
Raniganj East |
ESSAR |
60.770 |
28.120 |
26.829 |
Raniganj North |
ONGC |
7.430 |
1.860 |
1.860 |
|
Raniganj South |
GEECL |
69.092 |
5.287 |
4.224 |
|
Total (BCM) |
294.814 |
75.589 |
72.477 |
राष्ट्रीय, निजी और संयुक्त उद्यम कंपनियों को प्रदान किए हैं। इसके अलावा, 2 सीबीएम ब्लॉक नामांकन आधार पर प्रदान किए गए थे और एक ब्लॉक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) रूट के जरिए प्रदान किया गया था। ये सीबीएम ब्लॉक आंध्र प्रदेश, असम छत्तीस गढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिल नाडू और पश्चिम बंगाल राज्यों में हैं। दिनांक 01 अप्रैल, 2018 की स्थिति के अनुसार सीबीएम के मौजूद भंडार लगभग 280.3 बीसीएम (9.9 टीसीएफ) को विभिन्न प्रचालकों द्वारा प्रमाणित कर दिया गया है। सीबीएम भंडार के ब्लॉक-वार ब्यौरे निम्नानुसार हैं:
शेल गैस/तेल संसाधन
यह अनुमान है कि भारत में अनेक तलछटीय बेसिनों (गंगा के मैदान, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश तथा अन्य तटीय क्षेत्र) जिनमें हाइड्रोकार्बन पाए जाने वाले बेसिन – खंबात, असम-अराकान और दामोदर शामिल हैं, में शेल गैस और तेल के कुछ एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए अनुमान शेत तेल और गैस के लिहाज से प्रत्याशित हैं और निम्नानुसार हैं:
i. ओएनजीसी ने 5 बेसिनों नामत: खंबात, कृष्णा गोदावरी, कावेरी, गंगा और असम के लिए अगस्त, 2013 में 187.5 टीसीएफ शेल गैस संसाधनों का अनुमान लगाया है।
ii. सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) ने जुलाई, 2013 मेंमेंएक बेसिन नामत: गोडवाना के लिए 45.8 टीसीएफ शेल गैस संसाधनों का अनुमान लगाया है।
iii. जनवरी, 2011 में यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएयजीएस) में तीन बेसिनों नामत: खंबात, केजी, और कावेरी में 6.1 टीसीएफ तकनीकी निकासी योग्य शेल गैस का अनुमान लगाया गया है।
गैस हाइड्रेट
गैस हाइड्रेट्स पूरे विश्व में गैर-पारंपरिक भावी ऊर्जा स्रोत हो सकता है। पूरे विश्व में गैस हाइड्रेट्स से गैस का उत्पादन अनुसंधान और विकास के चरण में है। यूएसए, जापान, रूस, चीन, जर्मनी और कोरिया इन प्रमाणित गैस हाइड्रेट्स भंडारों का दोहन करने के लिए एक प्रौद्योगिकी विकसित करने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। भारत में गैस हाइड्रेट संबंधी अनुसंधान और अन्वेषण कार्यकलाप राष्ट्रीय गैस हाइड्रेट कार्यक्रम (एनजीएचपी) के तहत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किए जा रहे हैं। कृष्णा गोदावरी, महानदी, मन्नार की खाड़ी और अंडमान बेसिन में गैस हाइड्रेट की मौजूदगी प्रमाणित है।
और अधिक ब्यौरों के लिए कृपया हमारी वार्षिक रिपोर्ट देखें…